नमस्कार मित्रों,
आज हम हिंदी व्याकरण के पद परिचय खंड के एक अतीव महत्त्वपूर्ण अध्याय विशेषण के बारे में अध्ययन करने जा रहे हैं, आशा है आप ध्यानपूर्वक इसका अध्ययन करेंगे। साथियों अपने मित्रों और परिचितों में इस ब्लॉग को शेयर करें ताकि वे भी इसका लाभ उठा सके और आगामी updates पाने के लिए इसे Follow अवश्य करें। तो आइए शुरू करते हैं आज का टॉपिक........
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(विशेष :- 1. मित्रों संज्ञा हमेशा व्यापक अर्थ प्रदान करती है, किन्तु विशेषण शब्दों के अर्थ को मर्यादित करते हैं। 2. क्रिया की विशेषता बताने वाले क्रिया विशेषण कहलाते हैं, जो की अव्यय होते हैं। )
अध्याय - 8
विशेषण
परिभाषा :- जो शब्द किसी विकारी पद (संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण) की विशेषता बताये उन्हें विशेषण कहते है।(विशेष :- 1. मित्रों संज्ञा हमेशा व्यापक अर्थ प्रदान करती है, किन्तु विशेषण शब्दों के अर्थ को मर्यादित करते हैं। 2. क्रिया की विशेषता बताने वाले क्रिया विशेषण कहलाते हैं, जो की अव्यय होते हैं। )
विशेष्य - विशेषण जिसकी विशेषता बताते हैं उन्हें विशेष्य कहते हैं।
भेद :- विशेषणों के चार मुख्य भेद होते है -
(1) गुणवाचक विशेषण :- जो शब्द किसी संज्ञा के गुण, दोष, दशा, अवस्था, आकर, स्वभाव, स्वाद, प्रकृति, रंग, दिशा, स्थान इत्यादि विशेषताओं का बोधकाराये उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
भेद :- विशेषणों के चार मुख्य भेद होते है -
(1) गुणवाचक विशेषण
(2) संख्यावाचक विशेषण
(3) परिमाणवाचक विशेषण तथा
(4) संकेतवाचक/सार्वनामिक विशेषण।
(1) गुणवाचक विशेषण :- जो शब्द किसी संज्ञा के गुण, दोष, दशा, अवस्था, आकर, स्वभाव, स्वाद, प्रकृति, रंग, दिशा, स्थान इत्यादि विशेषताओं का बोधकाराये उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
गुण :- अच्छा, भला, वीर, श्रेष्ठ, कुशल, चतुर इत्यादि।
- प्रताप एक प्रवीण योद्धा थे।
दोष :- बुरा, नीच, भद्दा, कायर, हीन, दुष्ट,
- कायर व्यक्ति कभी उत्साही कार्य नहीं कर सकते।
- आप तो गाँव में सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
- गाँव के युवा लोग तुरंत बचाव राहत कार्य के लिए तैयार हो गए।
- ड्राइवर वही है जो संकरी गलियों में भी गाड़ी चला सके।
- हमें चालबाज़ लोगों से हमेशा दूरी बनाए रखना चाहिए।
- मधुर व्यवहार से तो जानवर भी अपने बन जरे हैं।
- पेड़ों की चिकनी पत्तियों में एक अलग ही चमक होती है।
- बर्फ से ढँके पर्वत पर सुनहरी रोशनी अनुपम दृश्य प्रस्तुत कर रही थी।
- पश्चिमी भारत में गर्मी बहुत तेज़ होती है।
- अब हमें स्वदेशी वस्तुओं को ही उपयोग में लेना चाहिए।
- गाँव में एक प्राचीन शिवालय है।
(विशेष :- ये विशेषण ऐसी संज्ञाओं के साथ प्रयुक्त होते हैं, जो गणना योग्य हो। )
भेद :- इसके पुनः दो भेद होते हैं -
(अ) निश्चित संख्यावाचक विशेषण और
(ब) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(अ) निश्चित संख्यावाचक विशेषण :- ये किसी संज्ञा की निश्चित संख्या का बोध करते हैं।
(क) गणनावाचक :- एक, दो, तीन, चार, पाँच, ......
- उस खेत में पाँच मवेशी चर रहे हैं।
पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, .......
- इस पंक्ति का पांचवा लड़का बहुत मेहनती है।
- उसे व्यापार में इस बार दुगुना मुनाफा हुआ।
- चारों चोर एक दिन पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
(क) अधिकता :- बहुत, अधिक, खूब, ज्यादा,
- उसकी बीमारी को देखते ऐसा लगता नहीं अब वह ज्यादा दिन जीएगा।
- वहाँ कुछ लोग मेरी जान-पहचान के थे।
- सब कुछ जलमय हो गया इस बार गाँव में इतना पानी बरसा।
- पर्याप्त जाँच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
- लगभग पाँच-छह दिन मैं वहाँ रुका।
(विशेष :- ये विशेषण ऐसी संज्ञाओं के साथ प्रयुक्त होते हैं, जो गणना योग्य नहीं है। )
भेद :- इसके भी पुनः दो भेद होते हैं -
(अ) निश्चय परिमाणवाचक और
(ब) अनिश्चय परिमाणवाचक विशेषण
(अ) निश्चय परिमाणवाचक :- ये किसी संज्ञा के परिमाण की निश्चयता का बोध करते हैं।(क) भारमापन :- ग्राम, किलोग्राम, सेर, मन (40 किलो का परिमाण), क्विंटल (100 किलो का परिमाण) टन (1000 किलो का परिमाण), मैट्रिक टन (10,000 किलो का परिमाण)
- वह बाज़ार से दो लीटर दूध लाया।
- वह तीन एकड़ जमीन का मालिक है।
- उसका घर यहाँ से तीन किलोमीटर दूर है।
- आज पैतालीस डिग्री सेंटीग्रेड तापमान दर्ज किया गया।
(क) अधिकता :- बहुत, अधिक, खूब, ज्यादा,
- आज बहुत बरसात हुई।
- कुछ समय हमारे साथ भी व्यतीत करो।
- आज गली में इतना पानी कहाँ से आया।
- वहाँ आपको काम करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
- हमारे पास लगभग पाँच एकड़ जमीन है।
(विशेष :- किसी संज्ञा से पूर्व प्रयुक्त सर्वनाम ही सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। संज्ञा के अतिरिक्त अन्य शब्दों से पूर्व प्रयुक्त सर्वनाम हमेशा निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। )
- इस पुस्तक को मैंने कई बार पढ़ा।
- यह पुस्तक बहुत ज्ञानवर्धक है।
- इसी पुस्तक को खरीदने के लिए मैं बहुत भटका था।
- ऐसा जीव मैंने पहले कभी नहीं देखा।
- वह पेड़ बहुत छायादार है।
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प्रत्यय (तद्धित प्रत्यय) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/pratyay-taddhit-pratyay.html
संज्ञा (व्यक्तिवाचक और जातिवाचक संज्ञा) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/6.html
संज्ञा (पदार्थवाचक, समूह वाचक और भाव वाचक) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/sangya-padarth-vachak-samooh-vachak-aur.html
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