Monday, June 1, 2020

8. Visheshan (विशेषण)

नमस्कार मित्रों,
          आज हम हिंदी व्याकरण के पद परिचय खंड के एक अतीव महत्त्वपूर्ण अध्याय विशेषण के बारे में अध्ययन करने जा रहे हैं, आशा है आप ध्यानपूर्वक इसका अध्ययन करेंगे। साथियों अपने मित्रों और परिचितों में इस ब्लॉग को शेयर करें ताकि वे भी इसका लाभ उठा सके और आगामी updates पाने के लिए इसे Follow अवश्य करें।  तो आइए शुरू करते हैं आज का टॉपिक........ 
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अध्याय - 8

विशेषण

परिभाषा :- जो शब्द किसी विकारी पद (संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण) की विशेषता बताये उन्हें विशेषण कहते है।
(विशेष :- 1. मित्रों संज्ञा हमेशा व्यापक अर्थ प्रदान करती है, किन्तु विशेषण शब्दों के अर्थ को मर्यादित करते हैं। 2. क्रिया की विशेषता बताने वाले क्रिया विशेषण कहलाते हैं, जो की अव्यय होते हैं। )
विशेष्य - विशेषण जिसकी विशेषता बताते हैं उन्हें विशेष्य कहते हैं।
भेद :- विशेषणों के चार मुख्य भेद होते है -

(1) गुणवाचक विशेषण

(2) संख्यावाचक विशेषण 

(3) परिमाणवाचक विशेषण तथा 

(4) संकेतवाचक/सार्वनामिक विशेषण। 


(1) गुणवाचक विशेषण :- जो शब्द किसी संज्ञा के गुण, दोष, दशा, अवस्था, आकर, स्वभाव, स्वाद, प्रकृति, रंग, दिशा, स्थान इत्यादि विशेषताओं का बोधकाराये उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
गुण :- अच्छा, भला, वीर, श्रेष्ठ, कुशल, चतुर इत्यादि।
  • प्रताप एक प्रवीण योद्धा थे।
दोष :- बुरा, नीच, भद्दा, कायर, हीन, दुष्ट,
  • कायर व्यक्ति कभी उत्साही कार्य नहीं कर सकते।
दशा :- सुखी, दुखी, उदास, प्रसन्न, रोगी, स्वस्थ, धनी, गरीब,
  • आप तो गाँव में सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
अवस्था :- युवा, तरुण, जवान, प्रौढ़, अधेड़, बूढ़ा, वृद्ध, बुजुर्ग,
  • गाँव के युवा लोग तुरंत बचाव राहत कार्य के लिए तैयार हो गए।
आकर :- छोटा, बड़ा, लम्बा, ठिगना, गोल, टेढ़ा, सीधा, संकरा, चौड़ा,
  • ड्राइवर वही है जो संकरी गलियों में भी गाड़ी चला सके।
स्वभाव :- शांत, उग्र, आलसी, चुस्त, सौम्य, कामी, लालची, लोभी, धोखेबाज, कपटी,
  • हमें चालबाज़ लोगों से हमेशा दूरी बनाए रखना चाहिए।
स्वाद :- मीठा, खट्टा, कड़वा, तीखा, फीका, कसैला, क्षारीय, लवणीय, चटपटा,
  • मधुर व्यवहार से तो जानवर भी अपने बन जरे हैं।
प्रकृति :- कठोर, कोमल, नरम, गर्म, ठंडा, चिकना, खुरदरा, पोला, शीतल, ऊष्ण,
  • पेड़ों की चिकनी पत्तियों में एक अलग ही चमक होती है।
रंग :- सफ़ेद, नीला, पीला, हरा, काला, गोरा, सांवला, बैंगनी, सुनहरा,
  • बर्फ से ढँके पर्वत पर सुनहरी रोशनी अनुपम दृश्य प्रस्तुत कर रही थी।
दिशा :- उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी, पश्चिमी, बाहरी, भीतरी,
  • पश्चिमी भारत में गर्मी बहुत तेज़ होती है।
स्थान :- विदेशी, स्वदेशी, स्थानीय, परदेसी, प्रादेशिक, आंचलिक, शहरी, ग्रामीण, देहाती, भारतीय, राजस्थानी, जोधपुरी,
  • अब हमें स्वदेशी वस्तुओं को ही उपयोग में लेना चाहिए।
काल :- नया, पुराण, प्राचीन, आधुनिक,
  • गाँव में एक प्राचीन शिवालय है।
(2) संख्यावाचक विशेषण :- जो शब्द किसी संज्ञा की गणना संबंधी विशेषता का बोध कराये उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
(विशेष :- ये विशेषण ऐसी संज्ञाओं के साथ प्रयुक्त होते हैं, जो गणना योग्य हो। )
भेद :- इसके पुनः दो भेद होते हैं -
(अ) निश्चित संख्यावाचक विशेषण और 
(ब) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण 

(अ) निश्चित संख्यावाचक विशेषण :- ये किसी संज्ञा की निश्चित संख्या का बोध करते हैं।

(क) गणनावाचक :- एक, दो, तीन, चार, पाँच, ......
  • उस खेत में पाँच मवेशी चर रहे हैं।
(ख) क्रमवाचक :- प्रथम, द्वितीय, तृतीय, .......
पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, .......
  • इस पंक्ति का पांचवा लड़का बहुत मेहनती है।
(ग) गुणावाचक :- दुगुना, तिगुना, चौगुना, .......
  • उसे व्यापार में इस बार दुगुना मुनाफा हुआ।
(ङ) समूहवाचक :- दोनों, तीनों, चारों, पाँचों, .......
  • चारों चोर एक दिन पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
(ब) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण :- ये किसी संज्ञा की अनिश्चित संख्या का बोध करते हैं।
(क) अधिकता :- बहुत, अधिक, खूब, ज्यादा,
  • उसकी बीमारी को देखते ऐसा लगता नहीं अब वह ज्यादा दिन जीएगा।
(ख) न्यूनता :- कम, अल्प, थोड़ा, कुछ,
  • वहाँ कुछ लोग मेरी जान-पहचान के थे।
(ग) तुल्यता :- इतना, उतना, जितना,
  • सब कुछ जलमय हो गया इस बार गाँव में इतना पानी बरसा।
(घ) पर्याप्तता :- ठीक, पर्याप्त, उचित
  • पर्याप्त जाँच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
(ङ) अनिर्णित संख्या :- लगभग, अनुमानतः, शायद,
  • लगभग पाँच-छह दिन मैं वहाँ रुका।


(3) परिमाणवाचक विशेषण :- जो शब्द किसी संज्ञा के परिमाण या माप-तौल संबंधी विशेषता का बोध कराये उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
(विशेष :- ये विशेषण ऐसी संज्ञाओं के साथ प्रयुक्त होते हैं, जो गणना योग्य नहीं है। )
भेद :- इसके भी पुनः दो भेद होते हैं -
(अ) निश्चय परिमाणवाचक और 
(ब) अनिश्चय परिमाणवाचक विशेषण 
(अ) निश्चय परिमाणवाचक :- ये किसी संज्ञा के परिमाण की निश्चयता का बोध करते हैं।
(क) भारमापन :- ग्राम, किलोग्राम, सेर, मन (40 किलो का परिमाण), क्विंटल (100 किलो का परिमाण) टन (1000 किलो का परिमाण), मैट्रिक टन (10,000 किलो का परिमाण)
  • वह बाज़ार से दो लीटर दूध लाया।
(ख) भू-मापन :- फुट, गज, मीटर, बिस्वा, बीघा, एकड़, हैक्टेयर
  • वह तीन एकड़ जमीन का मालिक है।
(ग) दूरी मापन :- मिली मीटर, सेंटी मीटर, इंच, फुट, गज, मीटर, किलो मीटर, कोस, योजन,
  • उसका घर यहाँ से तीन किलोमीटर दूर है।
(घ) ताप मापन :- डिग्री सेंटीग्रेड, सेल्सियस, केल्विन,
  • आज पैतालीस डिग्री सेंटीग्रेड तापमान दर्ज किया गया।
(ब) अनिश्चय परिमाणवाचक विशेषण :- ये किसी संज्ञा के परिमाण की अनिश्चयता का बोध करते हैं।
(क) अधिकता :- बहुत, अधिक, खूब, ज्यादा,
  • आज बहुत बरसात हुई।
(ख) न्यूनता :- कम, अल्प, थोड़ा, कुछ,
  • कुछ समय हमारे साथ भी व्यतीत करो।
(ग) तुल्यता :- इतना, उतना, जितना,
  • आज गली में इतना पानी कहाँ से आया।
(घ) पर्याप्तता :- ठीक, पर्याप्त, उचित
  • वहाँ आपको काम करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
(ङ) अनिर्णित परिमाण :- लगभग, अनुमानतः, शायद,
  • हमारे पास लगभग पाँच एकड़ जमीन है।
(4) संकेतवाचक/सार्वनामिक विशेषण :-  किसी सर्वनाम शब्द किसी संज्ञा की ओर संकेत करने के उद्देश्य से प्रयुक्त हो उन्हें संकेतवाचक विशेषण कहते हैं।  ये शब्द सर्वनाम होते हैं अतः इन्हें सार्वनामिक विशेषण भी कहते हैं।
(विशेष :- किसी संज्ञा से पूर्व प्रयुक्त सर्वनाम ही सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। संज्ञा के अतिरिक्त अन्य शब्दों से पूर्व प्रयुक्त सर्वनाम हमेशा निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। )
  • इस पुस्तक को मैंने कई बार पढ़ा।
  • यह पुस्तक बहुत ज्ञानवर्धक है।
  • इसी पुस्तक को खरीदने के लिए मैं बहुत भटका था।
  • ऐसा जीव मैंने पहले कभी नहीं देखा।
  • वह पेड़ बहुत छायादार है।
          साथियों, आशा करता हूँ ये अध्याय आपके अध्यापन में अवश्य उपयोगी सिद्ध हुआ होगा और अच्छा भी लगा होगा। किसी प्रकार के सुझाव या प्रश्न हेतु कमेंट अवश्य करें। आगामी Updates प्राप्त करने के लिए ब्लॉग को Follow जरूर करें। आगामी पोस्ट में हम क्रिया के बारे में पढ़ेंगे।

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प्रत्यय (तद्धित प्रत्यय) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/pratyay-taddhit-pratyay.html

 संज्ञा (व्यक्तिवाचक और जातिवाचक संज्ञा) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/6.html

संज्ञा (पदार्थवाचक, समूह वाचक और भाव वाचक) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/sangya-padarth-vachak-samooh-vachak-aur.html


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