Friday, June 19, 2020

padbandh (पदबंध)

नमस्कार मित्रों,
         आज मैं हिंदी व्याकरण के 'पदबंध' अध्याय पर आधारित पोस्ट कर रहा हूँ। इसके बारे में केवल विशिष्ठ प्रतियोगी परीक्षाओं में ही प्रश्न पूछे जाते हैं, अतः कम ही पुस्तकों में इसके बारे में लेख मिलते हैं, इसी कारण विद्यार्थी भी अच्छी तरह से इससे परिचित नहीं हो पाते हैं, इसी समस्या के निरकारणार्थ सरल तरीके से इस अध्याय का प्रस्तुतीकरण किया गया है, जो आपके लिए बेहद उपयोगी होगा। किसी भी विषयगत समस्या के बारे में जरूर पूछें और Blog को Follow ज़रूर करें .......
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अध्याय - 16

पदबंध

परिभाषा :- अनेक शब्दों का समूह जब एक व्याकरणिक इकाई के रूप में प्रयुक्त हो उसे पदबंध कहते हैं।
ध्यातव्य बिंदु :-
1. इसमें एक से अधिक शब्दों का व्यवस्थित समुच्य होता है।
2. इसमें पूरा वाक्यांश ही इकाई के रूप में प्रयुक्त होता है।
3. संपूर्ण पदबंध में उसका लक्षण निर्धारक एक पद मुख्य होता है, जो उसका अंतिम पद होता है।
4. प्रत्येक वाक्य में कर्तापद अवश्य होता है।
 भेद :- पदबंध के पाँच भेद होते हैं -
(1) संज्ञा पदबंध, 
(2) सर्वनाम पदबंध, 
(3) विशेषण पदबंध, 
(4) क्रिया पदबंध और 
(5) क्रिया-विशेषण (अव्यय) पदबंध।

(1) संज्ञा पदबंध :- अनेक शब्दों का समूह मिलकर वाक्य में इकाई संज्ञा के रूप में प्रयुक्त हो उसे संज्ञा पदबंध कहते हैं।

  • मंदिर के पीछे की वह प्राचीन दीवार अब ढह गई। 
  • तुम्हारे दिल की हर बात मुझसे बेहतर और कौन समझ सकता है। 
  • छः एकड़ जमीन अब पूरी तरह से बंजर हो गई है। 
  • ये कल-कल बहती नदियाँ कितना मधुर संगीत सुना रही है। 
  •  बेसहारा बुजुर्ग स्टेशन पर लोगों से मदद माँग रहा था। 

(2) सर्वनाम पदबंध :- अनेक शब्दों का समूह वाक्य में जब किसी सर्वनाम के रूप में प्रयुक्त हो उसे सर्वनाम पदबंध कहते हैं।

  • सबसे मधुर बोलने वाले और सबकी सहायता करने वाले वो आज हमारे बीच में नहीं रहे। 
  • दस-पंद्रह के समूह में आकर उन्होंने उस अकेले की पिटाई कर दी। 
  • हमेशा साथ देने वादा करने वाले सब आज मेरे दुःख की घड़ी में भाग गए हैं। 
  • कभी हार न मानना उसकी खासियत है। 
  • जो लोग कल हमारे घर आए थे वो आज आमेर घूमने गए हैं। 

(3) विशेषण पदबंध :- किसी वाक्य में विशेषण के रूप में प्रयुक्त होने वाले शब्दों के समूह को विशेषण पदबंध कहते हैं।

  • बहुत देर तक धूप में परिश्रम करके वो थकाहारा अब पेड़ के नीचे थोड़ा आराम कर रहा है। 
  • बाधाओं में पलने वाले साहसी कभी हार नहीं मानते। 
  • विकट परिस्थितियों में भी वो वीर अंत तक शत्रुओं से झुंझते रहे। 

(4) क्रिया पदबंध :- अनेक क्रियाओं का समूह मिलकर जब इकाई क्रिया के रूप में प्रयुक्त हो उसे क्रिया पदबंध कहते हैं। 

  • अभी-अभी वो खाना खाकर घूमने गया है। 
  • श्याम अभी तक पढ़ रहा होगा। 
  • ग्वाले के द्वारा गाय दूही जा चुकी होगी। 
  • अब किसानों के द्वारा हल जोते जा रहे होंगे। 
  • वो कब से तुम्हें पुकारता चला जा रहा था। 

(5) क्रिया-विशेषण (अव्यय) पदबंध :- जब कई शब्दों का समूह किसी क्रिया की विशेषता बताने वाले अव्यय के रूप में प्रयुक्त हो उन्हें क्रिया-विशेषण (अव्यय) पदबंध कहते हैं। 

  • कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है। 
  • धीरे-धीरे सब ठीक हो जायेगा। 
  • लापरवाही से तेज गाड़ी चलाने वाले कभी न कभी दुर्घटनाग्रस्त अवश्य होते हैं। 
  • अंदर से बहार तक सामान बिखरा पड़ा है।
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प्रत्यय (तद्धित प्रत्यय) 

संज्ञा (व्यक्तिवाचक संज्ञा और जातिवाचक संज्ञा) 

संज्ञा (पदार्थवाचक, समूहवाचक और भाववाचक संज्ञा ) 



अव्यय (क्रिया विशेषण) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/06/101-avyay.html

अव्यय (समुच्चयबोधक अव्यय)

अव्यय (संबंधबोधक अव्यय)

अव्यय (विस्मयादि बोधक अव्यय)




वाक्य https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/06/vakya.html

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