नमस्कार मित्रों,
आज हम हिंदी व्याकरण के 'अव्यय' अध्याय के बारे में अध्ययन करेंगे। साथियों ये अध्याय बहुत विस्तृत है, अतः कुछ खण्डों में हम इसका अध्ययन करेंगे। इसके पहले खंड में हम क्रिया विशेषण के बारे में अध्ययन करेंगे। आगे बढ़ने से पहले इस ब्लॉग दो Fallow कर लें, जिससे आगामी Updates सबसे पहले आपको मिले।
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अध्याय 10
अव्यय
परिचय :- मित्रों, अव्यय व्याकरण का एक बहुत महत्त्वपूर्ण और तर्कपूर्ण अध्याय है। साधारण शब्दों में हम बात करें तो इन्हें 'अविकारी' शब्द भी कहते हैं, जो परिवर्तन सापेक्ष नहीं होते हैं। ये आवश्यक नहीं है, कि विशेषण की तरह क्रिया विशेषण भी हमेशा क्रिया पहले ही प्रयुक्त हो। वाक्य की आवश्यकता के अनुसार ये वाक्य के आरम्भ में मध्य में क्रिया से पहले या क्रिया के बाद में भी प्रयुक्त हो सकते हैं।
जैसे :-
संभवतः, कल तक बरसात हो जानी चाहिए। (वाक्यारंभ में)
उसको घर के सामने ही कुछ लोगों ने पीट दिया। (वाक्य के मध्य में)
उसने गाड़ी तेज चलाई। (क्रिया से पूर्व)
ये कार्य करना तो तुम्हें ही है लेकिन अभी नहीं। (वाक्यांत में)
अब आप समझ गए होंगे की अव्यय के रूप में क्रियाविशेषण का प्रयोग 'कहाँ' और 'कैसे' किया जा सकता है।
परिभाषा :- जो शब्द किसी काल, वचन, लिंग, पुरुष और कारक के अनुसार रूपांतरित नहीं होते हैं, उन्हें अव्यय शब्द कहते हैं। इनमें कभी विकार उत्पन्न नहीं होता है।
(विशेष :- उपसर्ग या प्रत्यय से होने वाले परिवर्तन को विकार नहीं कहते हैं।)
भेद :- हिंदी व्याकरण में अव्यय शब्दों को चार भागों में विभाजित किया गया है -
1. क्रिया विशेषण
2. समुच्चय बोधक अव्यय
3. सम्बन्धबोधक अव्यय
4. विस्मयबोधक अव्यय
1. क्रिया विशेषण
परिभाषा :- जो शब्द किसी क्रिया के करने या होने की विशेषता का बोध कराये, उन्हें क्रिया विशेषण कहते हैं।
भेद :- क्रिया विशेषण के चार भेद होते हैं -
(अ) कालवाचक क्रिया विशेषण
(ब) स्थानवाचक क्रिया विशेषण
(स) परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
(द) रीतिवाचक क्रिया विशेषण।
(अ) कालवाचक क्रिया विशेषण :- जो शब्द किसी कार्य के करने या होने के समय संबंधी विशेषता का बोध कराये उन्हें कालवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
आज, कल, परसों, अब, अभी, तब, तभी, जब, एक दिन, एक वर्ष, आजकल, इन दिनों, जीवन पर्यन्त, कई महीनों, हमेशा, नित्य, सालोंसाल इत्यादि।
- आज बरसात अच्छी हुई।
- वह तुमसे मिलने कल आएगा।
- वो आजकल अपने पैसों पर घमंड करने लगा है।
- खर्चे तो सालोंसाल बढ़ रहे हैं।
- प्रतिदिन अध्ययन किया करो।
- वो तुमसे बात कर रहा था तभी मैं उसकी चाल समझ गया था।
(ब) स्थानवाचक क्रिया विशेषण :- जो शब्द किसी कार्य के करने या होने के स्थान संबंधी विशेषता का बोध कराये उन्हें स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
बाहर, भीतर, इधर, उधर, आगे, पीछे, ऊपर, नीचे, कहाँ-कहाँ, आगे से, पीछे से, सामने की ओर, पीछे की ओर, यहाँ से वहाँ, कहाँ से कहाँ, इधर से उधर इत्यादि।
- बाहर कोरोना का खतरा है।
- आतंकवादी एक घर के पीछे छिपे थे।
- मैं आपके सामने नतमस्तक हूँ।
- आतंकी भारतीय सेना कहाँ-कहाँ छिपते भागेंगे।
- कुछ सामानों को मैं नीचे से ऊपर ले आया हूँ।
(स) परिमाणवाचक क्रिया विशेषण :- जो शब्द किसी कार्य के करने या होने के परिमाण/माप-तौल संबंधी विशेषता का बोध कराये उन्हें परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
बहुत, अधिक, खूब, ज्यादा, कम, अल्प, न्यून, थोड़ा, कुछ, तनिक, मात्र, केवल, किंचित, इतना, उतना, जितना, बस, काफी, ठीक, उचित, बारी-बारी से, क्रमपूर्वक, एक-एक करके इत्यादि।
- उसके संस्कारों की तो सबने खूब प्रशंसा की।
- आज मैंने ज्यादा भोजन कर लिया है।
- आपने उसे ठीक सबक सिखाया।
- अब चिल्लाना बस करो।
- सभी यात्री गाड़ी में एक-एक करके चढ़ें।
- नया काम करने से पहले तनिक विचार कर लिया करो।
(द) रीतिवाचक क्रिया विशेषण :- जो शब्द किसी कार्य के करने या होने की रीति/शैली विशेष संबंधी विशेषता का बोध कराये उन्हें रीति वाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
1. प्रकारवाचक :- ऐसे, वैसे, जैसे, सहसा, अकस्मात् इत्यादि।
- हम पहाड़ों पर घूम रहे थे की अकस्मात् तेज बरसात होने लगी।
2. निश्चय वाचक :- अवश्य, ज़रूर, निश्चय ही इत्यादि।
- आप हमारे घर भी अवश्य आइयेगा।
3. अनिश्चय वाचक :- शायद, संभवतः, संभवतया इत्यादि।
- संभवतः वे शाम तक पहुँच जायेंगे।
4. निषेधवाचक :- न, नहीं, मत, मनाही, निषेध, निषिद्ध, वर्जित इत्यादि।
- आगे कार्य प्रगति पर होने के कारण वाहनों का प्रवेश निषेध है।
5. निर्णयवाचक :- देर, शीघ्र, धीरे-धीरे, जल्दी, गलत, सही, तेज, धीमे, मंद, धीमे से इत्यादि।
- रात होने को है जल्दी घर चलो।
6. प्रश्नवाचक :- जिन शब्दों से किसी शंका या जिज्ञासा का बोध हो, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं।
क. वस्तु/घटना :- क्या
- तुम बाजार से क्या लाए ?
- वहाँ क्या हुआ?
ख. समय :- कब
- वह विद्यालय जाने के लिए कब निकला?
ग. कारण :- क्यों
- आज वो काम पर क्यों नहीं गया ?
घ. स्थान :- कहाँ
- इस बार गर्मियों की छुट्टियों में हम कहाँ घूमने चलेंगे ?
ङ विधि :- कैसे
- उसे कैसे पता चला, कि मैं यहाँ आया हुआ हूँ ?
च. परिमाण :- कितना
- त्वरित भुगतान करने पर कितनी छूट मिलेगी ?
छ. चयन :- कौनसा/कौनसी/कौनसे
- इनमें से कौनसी पुस्तक तुम्हारी है ?
ज. प्राणी :- कौन
- उधर कौन गया है ?
झ. कर्ता :- किसने
- तुम्हें ये सूचना किसने दी ?
ञ. कर्म :- किसको/किसे
- ज्ञान प्राप्त करने का अधिकार किसको/किसे है ?
ट. करण :- किससे/ किस के द्वारा
- फिर आगे की यात्रा आपने किससे/किसके द्वारा की ?
ठ. संप्रदान :- किसलिए/किसके लिए
- वहाँ इतनी भीड़ किसलिए हुई है ?
ड. अपादान :- किससे/ कहाँ से (पृथक् होने के अर्थ में)
- ये पत्थर कहाँ से गिरा ?
ढ. संबंध :- किसका/किसकी/किसके
- तूने ये कार्य किसके कहने पर किया ?
ण. अधिकरण :- किसमें/किस पर
- इनमें से मुझे किस पर नजर रखनी है ?
साथियों अगली पोस्ट में हम समुच्चयबोधक अव्यय के बारे में अध्ययन करेंगे। अगर पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने कमेंट अवश्य करें और मित्रों और परिचितों को भी शेयर करें।
पिछली पोस्ट के लिंक नीचे दिए गए हैं
समास (अव्ययीभाव समास) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/samas.html
कर्मधारय व द्विगु समास https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/3.html
द्वंद्व और बहुव्रीहि समास https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/dvandva-samas.html
प्रत्यय (कृदंत प्रत्यय) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/pratyay.html
प्रत्यय (तद्धित प्रत्यय) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/pratyay-taddhit-pratyay.html
संज्ञा (व्यक्तिवाचक संज्ञा और जातिवाचक संज्ञा) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/6.html
संज्ञा (पदार्थवाचक, समूहवाचक और भाववाचक संज्ञा ) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/sangya-padarth-vachak-samooh-vachak-aur.html
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