Tuesday, June 2, 2020

9. kriya (क्रिया)

नमस्कार मित्रों, 
मेरे वादे के अनुसार आज मैं हिंदी व्याकरण के एक नए अध्याय 'क्रिया' के बारे में पोस्ट कर रहा हूँ, मैंने यथासंभव इस पोस्ट को हर प्रकार की शंका या प्रश्न का समाधान करते हुए ही बनाया है, फिर भी आपके लिए कोई कठिनाई शेष रह गई हो तो अवश्य अवगत कराएँ। तो शुरू करते हैं आज का टॉपिक......
अध्याय - 9 

क्रिया

परिभाषा :- जिन शब्दों से किसी कार्य के करने या होने का बोध हो उन्हें क्रिया कहते हैं।

भेद :- सामान्य रूप से क्रिया के दो प्रकार होते हैं-

(अ) सकर्मक क्रिया तथा(ब) अकर्मक क्रिया

(अ) सकर्मक क्रिया :- जिस क्रिया के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी कर्म का योग हो या होने की संभावना हो उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे :-

पिताजी अख़बार पढ़ रहे हैं।
          इस वाक्य में 'पढ़ रहे हैं' इस क्रिया के साथ 'अख़बार' कर्म है, अतः यहाँ प्रयुक्त क्रिया 'पढ़ना' सकर्मक क्रिया है।
वह गा रहा है।
          इस वाक्य में 'गा रहा है'  क्रिया है, किंतु इसके साथ कोई कर्म प्रस्तुत नहीं होने पर भी यह सकर्मक क्रिया है, क्योंकि गाने के लिए किसी कविता या गीत आदि का होना आवश्यक है, इसके बिना गाने की क्रिया नहीं हो सकती है।
भेद :- सकर्मक क्रिया के दो भेद होते हैं -
(क) एककर्मक क्रिया और

(ख) द्विकर्मक क्रिया / बहुकर्मक

विशेष
यहाँ कर्म के विषय में भी जान लेना आवश्यक है। "कर्ता द्वारा की जाने वाली क्रिया जिस पर आश्रित हो उसे कर्म कहते हैं।" कर्म के दो भेद होते है -
१. मुख्य कर्म तथा २. गौण कर्म
१- मुख्य कर्म :- ये अप्राणिवाचक या निर्जीव संज्ञा होती है तथा इसके साथ कभी कर्म कारक के कारक चिह्न 'को/की ओर' प्रयुक्त नहीं होते हैं।
२. गौण कर्म :- ये प्राणिवाचक या सजीव संज्ञा होती है तथा इसके साथ कर्म कारक के कारक चिह्न 'को/की ओर' प्रयुक्त होते हैं।

(क) एककर्मक क्रिया :- जिस क्रिया में केवल एक ही कर्म प्रयुक्त हो उसे एककर्मक क्रिया कहते हैं।

  • बच्चे पतंग उड़ाते हैं।
  • किसान हल चलाता है। 
  • चिड़िया घोंसला बनती है।
  • ग्वाला गायों को बांधता है।
  • लक्कड़हारे ने कुछ पौधों को काटा। 
(ख) द्विकर्मक / बहुकर्मक क्रिया :- जिस क्रिया में एक से अधिक कर्म प्रयुक्त हो उसे द्विकर्मक या बहुकर्मक क्रिया कहते हैं।
  • उसने मेहमानों को शरबत पिलाई। 
  • गुरु ने शिष्यों को आशीर्वाद दिया।
  • शिक्षक ने विद्यार्थियों को पाठ पढ़ाया।

(ब) अकर्मक क्रिया :- जिस क्रिया के साथ कोई कर्म प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रयुक्त नहीं हो उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं।


नोट
1. हँसाना, रोना, जागना, सोना, उठना, बैठना, चलना, फिरना, दौड़ना, भागना, घूमना, उड़ना, फुदकना इत्यादि क्रियाएँ हमेशा अकर्मक होती है।
2. अकर्मक क्रियाओं के साथ 'क्या' व 'किसको' से प्रश्न करने पर कोई उत्तर प्राप्त नहीं होता है।)

  • वह अब तक सो रहा है। 
  • चिड़िया उड़ रही है। 
  • बच्चा रो रहा है। 
  • तुम व्यर्थ में ही हँस रहे हो। 
  • आप यहाँ बैठिये। 
  • तुम घर जाओ।  
           किसी अप्राणीवाचक या निर्जीव संज्ञा के साथ कोई क्रिया प्रयुक्त हो तो वह हमेशा अकर्मक क्रिया ही होगी।
  • ठूंठ हवा से टूट कर गया।  
  • हवा से मिट्टी उड़ने लगी। 
  • पानी बहने लगा। 
  • घाव भरने लगा।
कुछ अन्य क्रियाएँ

1. पूर्वकालिक क्रिया

    वाक्य की मुख्य क्रिया से पहले प्रयुक्त होने वाली क्रिया को पूर्वकालिक क्रिया कहते हैं।
एक वाक्य में जहाँ दो क्रियाएँ प्रयुक्त हो वहाँ जो क्रिया पहले प्रयुक्त होगी उसे ही पूर्वकालिक क्रिया कहते हैं।
भेद :- इसके पुनः दो भेद होते हैं - (अ) पूर्ण क्रिया और (ब) अपूर्ण क्रिया
(अ) पूर्ण क्रिया :- इसमें  क्रिया के साथ कर/के/कर के जैसे पद प्रयुक्त होते हैं।
  • उसने घर आ कर खाना खाया। 
  • आज वह पाठ याद करके विद्यालय गया है। 
  • वह मुझसे रूठ के चला गया। 
(ब) अपूर्ण क्रिया :- इसमें क्रिया से पहले हुआ/हुई/हुए जैसे पद प्रयुक्त होते हैं।
  • रीना नाचती हुई गिर गई। 
  • मोहन खाना खाते हुए बातें करता है। 
इन वाक्यों में रेखांकित शब्द पूर्वकालिक क्रिया है। 

2. तात्कालिक क्रिया

मुख्य क्रिया के तुरंत बाद होने वाली क्रिया को तात्कालिक क्रिया कहते हैं।
विशेष -
1. यहाँ ये ध्यान रखना आवश्यक है, कि पूर्वकालिक क्रिया मुख्य क्रिया से पहले प्रयुक्त होती है और तात्कालिक क्रिया प्रथम क्रिया के तुरंत बाद प्रयुक्त है। 
2. ये भी ध्यान रखना चाहिए की 'ही' निपात के बाद वाली क्रिया ही तात्कालिक क्रिया होती है।)
इस क्रिया के उदाहरण भी दो प्रकार के होते हैं -
एक कर्ता :- इसमें एक ही कर्ता द्वारा त्वरित रूप से क्रियाएँ की जाती है। 
जैसे -
  • उसने घर आते ही खाना खा लिया।
  • उसका मन आम देखते ही मचल गया। 
  • प्रधानमंत्री जी के आते ही भीड़ में उत्साह आ गया। 
पृथक् कर्ता :- इसमें दोनों क्रियाओं के कर्ता अलग-अलग होते हैं।
  • मेरे स्टेशन पहुँचते ही गाडी आ गई। 
  • पिताजी के बुलाते ही पुत्र आ गया। 
  •  चोरी की खबर सुनते ही लोग सावधान हो गए। 

3. रंजक क्रिया

मुख्य क्रिया के अर्थ को रंजित या प्रभावशाली बनाने वाली क्रिया को रंजक क्रिया कहते हैं।

  • अब ये कहाँ से आ टपका। 
  • वह बीच में ही बोल पड़ा। 
  • आखिरकार, शिकारी ने हिरण को मार डाला
विशेष 
इन क्रियाओं का कोशगत अर्थ अलग होता है और वाक्य में भावगत अर्थ अलग होता है।

4. नामधातु क्रिया

किसी विकारी शब्द के साथ कोई प्रत्यय जुड़ने के उपरांत जो क्रिया बनती है, उसे नामधातु  हैं।
शर्म - शर्माना          लज्जा - लजाना 
ठोकर - ठुकराना      लोभ - लुभाना 
टक्कर - टकराना     अपना - अपनाना 
लंगड़ा - लंगड़ाना      साठ - सठियाना 
  • प्रचंड गर्मी में पंछी अकुलाने लगे। 
  • सड़क पर दो वाहन  टकरा गए। 
  • वह रिश्तेदारों से बात करते हुए शर्माता है। 

5. संयुक्त क्रिया

दो शब्दों के योग से बनने वाली क्रिया को संयुक्त क्रिया कहते हैं। 
विशेष
सामान्यतः इसमें क्रियापद से पूर्व शब्द हमेशा भाववाचक संज्ञा होती है।
जैसे :- नींद लेना, धोखा देना, प्यार करना, घृणा करना, लोभ करना, लालच करना, आस्था रखना इत्यादि संयुक्त क्रियाएँ है। 
  • वह तुमसे ईर्ष्या करता है। 
  • बड़े से बड़ा कार्य करने का उत्साह रखो। 
  • मजदूर दिनभर कठिन परिश्रम करते हैं। 
  • नमन ने बहुत मन लगा कर पढ़ाई की। 

6. अनुकरणात्मक क्रिया

किसी शब्द या ध्वनि के अनुकरण या आवृत्ति से बनने वाली क्रिया को अनुकरणात्मक क्रिया कहते हैं।
विशेष
वस्तुतः इस क्रिया की कोई धातु नहीं होती है, ऐसी क्रियाएँ केवल तत्सम रूप में ही पाई जाती है, इनका तद्भव रूपांतरण नहीं होता है।

7. प्रेरणार्थक क्रिया

जब कर्ता कोई क्रिया न करके किसी अन्य को क्रिया करने हेतु प्रेरित करता है, वहाँ प्रेरणार्थक क्रिया होती हैं।
भेद :- इसके दो भेद होते हैं -
(क) प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया :- इसमें क्रिया के साथ 'आना/लाना' प्रत्यय जोड़ा जाता है तथा गौण कर्ता के साथ कर्म कारक होता है। 
  • वह अपनी कही बात को ही झुठला रहा है। 
  • माता अपने पुत्र को जगा रही है।
  • रौनक एक विद्यालय में पढ़ाता है।
(ख) द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया :- इसमें क्रिया के साथ 'वाना' प्रत्यय जोड़ा जाता है तथा गौण कर्ता के साथ करण कारक होता है।
  • उसने लक्कड़हारे से पेड़ कटवाया। 
  • माता ने सोनार से से बच्चे के कान बिंधवाए। 
  • अध्यापक ने छात्रों को पाठ पढ़वाया। 
  • सेठ ने दान में लाखों का धन लुटवाया। 

8. सजातीय क्रिया

जिन वाक्यों में कर्म व क्रिया का मूल रूप एक ही हो, वहाँ सजातीय क्रिया होती है।
  • महाराणा सांगा ने कई लड़ाइयाँ लड़ी। 
  • लता ने मधुर गाना गाया। 
  • मैंने अभी-अभी खाना खाया। 
  • उसने एक बहुत विकट चाल चली। 
          मित्रों, कैसा लगा आज का टॉपिक। इसे यथा सामर्थ्य विस्तार से समझाने का प्रयास किया गया है, इसकी सफलता इस पर निर्भर करती है, की आप इससे कितना सीखते है। आशा करता हूँ कि, ये आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा। इंतज़ार करें अगले अध्याय 'अव्यय' का ....... 
            साथियों अगर आपने Follow नहीं किया है, तो जल्दी से कर लें, ताकि आगामी Updetes सबसे पहले आपको मिले। 
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vachya (वाच्य)

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