Saturday, June 6, 2020

10.4 vismayadi vachak avyay (विस्मयादिबोधक अव्यय)

नमस्कार मित्रों,
       आज हम अव्यय अध्याय के अंतिम भाग 'विस्मयादि वाचक' अव्यय के बारे में अध्ययन करने जा रहे हैं। विस्तार की दृष्टि से तो ये अध्याय छोटा ही है, किन्तु परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है, अतः ध्यानपूर्वक अध्ययन करें और इस blog को Follow कर लीजिये ताकि नियमित Updates सबसे पहले आपको मिले। तो आइये शुरू करते है, आज का टॉपिक...... 
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अध्याय 10.4

विस्मयादिबोधक अव्यय

परिभाषा :- जो अव्यय शब्द हर्ष, शोक, उत्साह, पीड़ा, आश्चर्य इत्यादि भावों की अभिव्यक्ति करे, उन्हें विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं।
भेद :- इसके भेदों के विषय में अलग-अलग विद्वानों का अलग-अलग मत है, अतः निश्चित रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता, किन्तु सामान्य व्यवहार में प्रयुक्त होने वाले शब्दों के भावों को देख कर इन्हें दस (10) भेदों में विभाजित किया जा सकता है, वे हैं -
1. विस्मयादिबोधक
2. शोकबोधक
3. उल्लासबोधक
4. घृणाबोधक
5. संबोधनबोधक
6. स्वीकृतिबोधक
7. क्रोधबोधक
8. अभिवादनबोधक
9. सावधानीबोधक
10. अनुमोदनबोधक

1. विस्मयादिबोधक :- अरे!, ओह!, क्या!, हैं! इत्यादि। 
  • अरे! चिंटू अब इतना बड़ा हो गया। 
  • ओह! तो आप यहाँ छिपे बैठे हैं। 
2. शोकबोधक :- हाय!, हे राम!, हरे!, अरे!, हाय रे! इत्यादि। 
  • हाय रे! ये हादसा कैसे गया। 
  • हे राम! अब मेरा क्या होगा। 
3. उल्लासबोधक :- वाह!, वाह-वाह!, अहा!  इत्यादि। 
  • वाह! आज मौसम कितना सुहावना है। 
  • अहा! ये आम तो बहुत रसीले और मीठे हैं। 
4. घृणाबोधक :- छिः!, थू!, धत्!, हठ!  इत्यादि। 
  • छिः! यहाँ तो बहुत गंदगी बिखरी पड़ी है। 
  • थू! ये तो बहुत कड़वा है। 
5. संबोधनबोधक :- अरे!, हे!, ओ!  इत्यादि। 
  • हे ईश्वर! संसार की रक्षा करना। 
  • अरे गोविंद! तुम मेरे साथ चलो। 
6. स्वीकृतिबोधक :- जी!, जी-जी!, हाँ जी!, अवश्य!  इत्यादि। 
  • जी-जी! आपकी बात को मैं अच्छी तरह से समझ गया। 
  • जी हाँ! आपने जैसा कहा मैंने वैसा कर दिया है। 
7. क्रोधबोधक :- अबे!, चुप!, जा-जा!, चल!, चल हट!  इत्यादि। 
  • जा-जा! बहुत देखे है तेरे जैसे। 
  • चुप! कब से बड़बड़ाए जा रहा है। 
8. अभिवादनबोधक :- नमस्कार!, राम-राम!, प्रणाम!, चरण स्पर्श!  इत्यादि। 
  • नमस्कार! आज के मुख्य समाचार। 
  • प्रणाम गुरुदेव! आपने यहाँ आने का कष्ट क्यों किया, मुझे बुला लिया होता। 
9. सावधानीबोधक :- सावधान!, होशियार!, ख़बरदार!  इत्यादि। 
  • सावधान! आगे खतरनाक मोड़ है। 
  • होशियार! ख़बरदार! नदी उफान पर है, जल्दी से सुरक्षित जगह पर पहुँच जाएँ। 
10. अनुमोदनबोधक :- ठीक!, अच्छा!  इत्यादि। 
  • अच्छा जी! अब चलते हैं। 
  • ठीक! अब हम इसी मार्ग से आगे बढ़ेंगे। 
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         साथियों, अगली पोस्ट में हम एक नए अध्याय 'पद के विकारी तत्त्व'  के बारे में पढ़ेंगे। अगर पोस्ट अच्छी लगी जो तो इसे शेयर अवश्य करें। 
पिछली पोस्ट के लिंक नीचे दिए गए हैं 
हिंदी भाषा की संवैधानिक स्थिति का लिंक 


संधि (स्वर संधि) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/google-blog.html

विसर्ग संधि https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/1.html

समास (अव्ययीभाव समास) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/samas.html

तत्पुरुष समास https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/blog-post_22.html

कर्मधारय व द्विगु समास https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/3.html

द्वंद्व और बहुव्रीहि समास https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/dvandva-samas.html

प्रत्यय (कृदंत प्रत्यय) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/pratyay.html

प्रत्यय (तद्धित प्रत्यय) 

संज्ञा (व्यक्तिवाचक संज्ञा और जातिवाचक संज्ञा) 

संज्ञा (पदार्थवाचक, समूहवाचक और भाववाचक संज्ञा ) 


अव्यय (क्रिया विशेषण) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/06/101-avyay.html

अव्यय (समुच्चयबोधक अव्यय)

अव्यय (विस्मयादि बोधक अव्यय)

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