नमस्कार साथियों,
आज हम हिंदी व्याकरण के एक बहुत महत्त्वपूर्ण खंड 'पद-परिचय' के बारे में समझने का प्रयास करेंगे। वैसे शब्द और पद में मात्रा इतना ही अंतर है की 'शब्द' एक स्वतंत्र इकाई है, जबकि 'पद' वाक्य में निबद्ध इकाई है। वाक्य में प्रयुक्त होने वाले पद संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, अव्यय आदि होते है तथा काल, वचन, लिंग, पुरुष और कारक इनमें विकार लाते हैं, अव्यय शब्दों में कोई विकार नहीं आता है। इन्हीं में से एक 'संज्ञा' अध्याय के बारे में आज हम अध्ययन करेंगे।
अध्याय - 6.
संज्ञा
मित्रों, 'संज्ञा' का शाब्दिक है, नाम। अर्थात् नाम को ही संज्ञा कहते हैं।
परिभाषा :- किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव, जाति, पदार्थ, समूह इत्यादि के नाम को ही संज्ञा कहते हैं।
भेद :- संज्ञा के मुख्य तीन भेद होते हैं -
(1) व्यक्तिवाचक संज्ञा,
(2) जातिवाचक संज्ञा और
(3) भाववाचक संज्ञा।
अन्य भेद :-
(क) पदार्थवाचक/द्रव्यवाचक संज्ञा तथा
(ख) समूहवाचक/समुदायवाचक संज्ञा।
वस्तुतः ये दो भेद जातिवाचक संज्ञा के ही उपभेद हैं।
(1) व्यक्तिवाचक संज्ञा :- किसी विशिष्ठ व्यक्ति, वस्तु, स्थान इत्यादि के नाम को ही व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
(क) सभी स्त्री-पुरुषों के नाम :- सुरेश, गोविन्द, विनीता, राधिका, गौरव, नेहा, राजू,
- 'तुलसीदास' कृत 'रामचरित मानस' जन-जन के मन मंदिर में प्रतिष्ठित है।
(ख) सभी धर्मों, पंथों व सम्प्रदायों के नाम :- हिन्दू, इस्लाम, सिक्ख, ईसाई, यहूदी, पारसी, जैन, बौद्ध,
- सनातन धर्म इस सृष्टि का सबसे प्राचीन धर्म है।
(ग) सभी धर्मग्रंथों, शास्त्रों व साहित्यों के नाम :- ऋग्वेद, यजुर्वेद, श्रीमद्भगवद्गीता, बाइबिल, आगम, त्रिपिटक,
- ऋग्वेद संसार का सबसे प्राचीन व महानतम ग्रन्थ है।
(घ) सभी त्योहारों तथा पर्वों के नाम :- दीपावली, होली, रक्षाबंधन, लोहिड़ी, गुरुपर्व, क्रिसमस, गुड़फ्राइडे, ईद
- दीपावली प्रकाश, उल्लास, और सम्पन्नता का पर्व है।
(ङ) सभी ग्रहों व उपग्रहों के नाम :- सूर्य, पृथ्वी, मंगल, शुक्र, शनि, आर्यभट्ट, भास्कर, एडुसेट, PSLV
- सौर मंडल में पृथ्वी ही एक मात्र ग्रह है, जिस पर जीवन है।
(च) सभी वनों व उद्यानों के नाम :- सुन्दर वन, नैमिषारण्य, दण्डकारयण्य, रामनिवास बाग़, उम्मेद उद्यान,
- घना पक्षी विहार अभ्यारण्य को पक्षियों का स्वर्ग कहा गया है।
(छ) सभी धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों के नाम :- अमरनाथ, कैलास मानसरोवर, त्र्यंबकेश्वर, महाकालेश्वर, मोहन जोदड़ो, हड़प्पा, गिलूण्ड, गणेश्वर, मेहरानगढ़, सोनारगढ़, जूनागढ़, पटवों की हवेली,
- रणथंभौर दुर्ग को दुर्गों का सिरमौर कहा गया है।
(ज) पर्वतों, पत्थरों, घाटियों, दर्रों व शिखरों के नाम :- हिमालय, अरावली, विंध्य, सतपुड़ा, जोजीला दर्रा, लाहुल-स्पीति की घाटी, देसूरी नाल, सोमेश्वर नाल, फुलवारी की नाल, भोरठ का पठार, लावा का पठार, आबू का पठार
- गुरुशिखर राजस्थान की सबसे ऊँची पर्वतीय चोटी है।
(झ) महासागरों, सागरों, खाड़ियों, नदियों, झीलों व झरनों के नाम :- हिन्द महासागर, प्रशांत महासागर, अरब सागर, भूमध्य सागर, कालासागर, बंगाल खाड़ी, मन्नार की खाड़ी, कच्छ की खाड़ी, आनासागर झील, उम्मेदसागर झील, पिछोला झील, जयसमंद झील, चम्बल, बनास, लूणी, माही, पार्वती, बाण गंगा,
- माही नदी का जल खम्भात की खाड़ी में गिरता है।
(ञ) महाद्वीपों, द्वीपों, देशों, राज्यों, क्षेत्रों, शहरों और गाँवों के नाम :- एशिया, यूरोप, अफ्रीका, जापान, श्री लंका, अंडमान-निकोबार, सुमात्रा, जावा, भारत, राजस्थान, जयपुर,
- भारत एक कृषि प्रधान देश है।
(ट) सप्ताह के दिनों के नाम :- सोमवार, मंगलवार, Sunday, Monday,
- वह शनिवार को अपने गांव जायेगा।
(ठ) सभी महीनों के नाम :- जनवरी, फरवरी, मार्च, पौष, माघ, फाल्गुन,
- जून-जुलाई माह में राजस्थान में प्रचंड गर्मी होती है।
(ड) सभी ऋतुओं के नाम :- शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शिशिर, हेमंत, बसंत,
- पश्चिमी राजस्थान में अधिकांश कृषि वर्षा ऋतु पर ही आश्रित है।
(ढ) सभी दिशाओं के नाम :- उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, ईशान, आग्नेय, नैऋत्य, वायव्य
- भारत के उत्तर में हिमालय है।
(2) जातिवाचक संज्ञा :- किसी वस्तु, प्राणी या स्थान इत्यादि के वर्ग या जाति का बोध करने वाले शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
(क) सभी प्राणी वर्गों के नाम :- पशु, पक्षी, कीट, पतंग, पादप, सरीसृप और मनुष्य इत्यादि
- भारतीय धर्म-संस्कृतु में कई पशु-पक्षियों को भी जीव रक्षा के उद्देश्य से धार्मिक प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।
(ख) सभी पशु-पक्षियों के नाम :- गाय, भैंस, बकरी, भेद, घोड़ा, हाथी, शेर, भालू, हिरन, जिराफ, गैंडा,
- गाय को भारतीय जनमानस में देव तुल्य माना जाता है।
(ग) सभी कीट-पतंगों के नाम :- चींटी, जूं, जोंक, दीमक, खटमल, इल्ली, बर्र, ततैया, मधुमक्खी, मच्छर,
बिच्छु का काटा बहुत पीड़ादायक होता है।
(घ) सभी वृक्षों झाड़ियों तथा बेलों के नाम :- वट, पीपल, नीम, केर, झरबेरी, तरबूज की बेल,
- नीम के फल पकने की ऋतु में कौवे के गले में गांठे पद जाती है।
(ङ) सभी सरीसृपों व जलचरों के नाम :- मछली, शीप, घोंघा, केकड़ा, ऑक्टोपस, नेवला, सर्प, चूहा, गिरगिट,
- शंख भी एक समुद्री जीव है।
(च) सभी फसलों के नाम :- गेंहु, बाजरा, मक्का, ज्वार, जौ, चना, मूंग, तिल, सरसों, अरहर, सोयाबीन,
- राजस्थान में बाजरा सर्वाधिक खाया जाने वाला खाद्यान्न है।
(छ) सभी फलों, फूलों, सब्जियों तथा मेवों के नाम :- आम, केला, अंगूर, आलू, टमाटर, मटर, काजू, बादाम, अंजीर, गुलाब, केवड़ा, गुलदाउदी, गुड़हल, कमल, जूही,
- रात्रि काल में गुलाब की सुगंध किसी को भी मदमस्त कर देती है।
(ज) सभी व्यक्तिगत संबंधों के नाम :- माता, पिता, भाई, बहिन, पति, पत्नी, दादा, पोता, मित्र, शत्रु, गुरु, शिष्य,
- संकट के समय जो हमारा साथ दे वही हमारा सच्चा मित्र है।
(झ) सभी पदवियों तथा व्यवसायों के नाम :- प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, सांसद, विधायक, पार्षद, सरपंच, न्यायाधीश, पटवारी, प्रधान, आयुक्त, सचिव, व्याख्याता, मजदूर, नौकर, चोर, ठग, व्यापारी ।
- राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है।
(ञ) सभी वस्त्रों, आभूषणों तथा सौंदर्य प्रसाधनों के नाम :- ओढ़ना, साड़ी, पतलून, कमीज, कुरता, पाजामा, चूड़ी, कंगन, बाजूबंद, नथ,
- नथ महिलाओं का एक प्राचीन पारम्परिक आभूषण है।
(ट) सभी शारीरिक अंगों के नाम :- आँख, नाक, कान, जीभ, शिरा, धमनी, हृदय, यकृत, फेफड़ा, दाँत, गुर्दा, चमड़ी,
- नाक मनुष्य की प्रतिष्ठा का भी सूचक है।
(ठ) सभी फर्नीचर के नाम :- कुर्सी, चारपाई, संदूक, अलमारी, बाजोट, पलंग, सिंगारमेज, सोफा, दराज,
- किसान थक कर खटिया पर लेट गया।
(ड) सभी औजारों, उपकरणों तथा हथियारों के नाम :- कुल्हाड़ी, खुरपा, कुदाल, फावड़ा, पेजकस, पंखा, रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन, बल्ब, ज्यूसर, बंदूक, तोप, मिसाइल, टैंक,
- टेलीविजन सार्वजानिक संचार का सर्वोत्तम साधन है।
मित्रों, आज के इस पोस्ट में संज्ञा अध्याय के 'व्यक्तिवाचक संज्ञा' व ' जातिवाचक संज्ञा' के बारे में बताया गया है। अगले पोस्ट में आगे के बारे में जानकारी दूंगा। मित्रों अभी तक यदि अपने ब्लॉग को Follow नहीं किया है, तो जल्दी से कर लें, ताकि आगे के Updates आपको सबसे पहले प्राप्त हो। किसी भी प्रकार के सुझाव या हिंदी विषयगत समाधान हेतु अवश्य लिखें।
आपके संग, जीवन के कुछ रंग.......
पिछले पोस्ट के लिंक नीचे दिए गए हैं
हिंदी भाषा की संवैधानिक स्थिति का लिंक https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/blog-post_18.html
पिछले पोस्ट के लिंक नीचे दिए गए हैं
हिंदी भाषा की संवैधानिक स्थिति का लिंक https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/blog-post_18.html
संधि (स्वर संधि) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/google-blog.html
समास (अव्ययीभाव समास) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/samas.html
कर्मधारय और द्विगु समास https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/3.html
द्वंद्व समास और बहुव्रीहि समास https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/dvandva-samas.html
प्रत्यय (कृदंत प्रत्यय) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/pratyay.html
प्रत्यय (तद्धित प्रत्यय) https://deepaksikhwal.blogspot.com/2020/05/pratyay-taddhit-pratyay.html
Very nice and useful
ReplyDelete